अंतरंग खेल प्रतियोगिता में सीयूएसबी के महिला छात्रावास की छात्राओं ने दिखाया हुनर

बेटियों में हुनर की कोई कमी नहीं होती और वे किसी भी छेत्र में बेटों से कम नहीं हैं | अगर उन्हें उचित मंच और अवसर दिया जाए तो वे भी अपने हुनर को दिखा सकती हैं और नए – नए कृतिमान स्थापित कर सकती हैं | इसी सोच के साथ  दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के महिला छात्रावास मैत्रेयी सदन के छात्राओं के लिए ‘अंतरंग’ खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जन सम्पर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि छात्राओं के लिए कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में खेल प्रतियोगिता के अंतर्गत बैडमिंटनटेबल टेनिसऔर चेस जैसे खेलों का आयोजन किया गया इस प्रतियोगिता का सफलतापूर्वक आयोजन चीफ वार्डन लेफ्टिनेंट (डॉ.) प्रज्ञा गुप्ता के मार्गदर्शन में हॉस्टल के वार्डन एवं अन्य कर्मचारियों के सहयोग से किया गया | 

खेल प्रतियोगिता  में मुख्य अतिथि के रूप में कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के साथ  कुलसचिव कर्नल राजीव सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पवन कुमार मिश्रा, छात्रावास समन्वयक प्रो. किरण कुमारी, कई अन्य प्राध्यापक एवं कर्मी उपस्थित थे | औपचारिक उद्घाटन के पश्चात कुलपति महोदय का स्वागत मंडल आर्ट पेंटिंग वाली फ्रेम देकर एवं बाकी अतिथियों को पौधों से सम्मानित करके किया गया।  चीफ वार्डन लेफ्टिनेंट (डॉ.) प्रज्ञा गुप्ता ने कुलपति प्रो. के. एन. सिंह का छात्रावास में रचनात्मक और सृजनात्मक गतिविधि को आयोजित करने के लिए निरंतर किए जा रहे कुशल मार्गदर्शन के लिए साधुवाद दिया | 

उद्घाटन सत्र के पश्चात छात्राओं ने  विभिन्न खेल स्पर्धाओं में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। बैडमिंटन प्रतियोगिता में मैथेमेटिक्स की छात्रा प्रिंसी और चौंगलियू की जोड़ी ने खिताब अपने नाम किया। वही बीए.एलएलबी की छात्रा रश्मि सिन्हा और बीए बीएड की छात्रा हिया महाबी  उपविजेता रही। अंत में कुलपति प्रो. सिंह ने विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाणपत्र एवं मोमेंटो (स्मृति चिन्ह) देकर सम्मानित किया | माननीय कुलपति ने विजेताओं को सराहते हुए कहा कि ऐसे आयोजन समय – समय पर होते रहना चाहिए तभी लड़कियों को भी अपनी प्रतिभा को विश्वविद्यालय एवं राष्ट्र स्तर पर दिखाने का उचित मौका मिलेगा | कार्यक्रम में मंच संचालन वार्डेन डॉ. चांदना सुबा  (सहायक प्राध्यापिका) ने किया जबकि कार्यक्रम का समापन वार्डन श्रीमती रेणु (सहायक प्राध्यापिका) के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ 

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