केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनसीटीई के निर्देशों के अनुसार आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा कई कार्यक्रम समय – समय पर आयोजित किए जा रहे हैं | इसी क्रम में विभाग द्वारा ऑनलाइन मोड से समावेशी विकास के तहत ‘समावेशी कक्षा वातावरण’ नामक विषय पर एक विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया | कार्यक्रम का आयोजन विभाग के सांस्कृतिक एवं साहित्य समिति द्वारा किया गया समन्वयन शिक्षक शिक्षा विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. नृपेन्द्र वीर सिंह और डॉ. किशोर कुमार ने किया।
सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के संरक्षण में आयोजित परिचर्चा में वक्ता के रूप में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर द एंपावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद विजुअल डिसेबिलिटीज से सहायक प्राध्यापक डॉ. पंकज कुमार शामिल हुए | वार्ता में इस बात पर चर्चा हुई कि व्यक्तिगत कारकों के साथ-साथ पर्यावरणीय कारक किसी व्यक्ति की विकलांगता में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं | परिचर्चा में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि किस तरह से समावेशी कक्षा में प्रभावी सीखने का माहौल बनाने में प्रतिनिधित्व, कार्रवाई और अभिव्यक्ति और प्रबंधन के कई साधन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
परिचर्चा का सत्र संवादात्मक था जिसमें अलग-अलग विभागों के शिक्षकों, शोधार्थियों, एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया और डॉ.पंकज कुमार ने प्रतिभागियों द्वारा उठाए गए प्रश्नों का अच्छी तरह से उत्तर दिया । इससे पहले स्वागत भाषण में प्रो.रवि कांत, विभागाध्यक्ष एवं डीन, स्कूल ऑफ एजुकेशन ने मुख्य वक्ता डॉ. पंकज कुमार का अभिवादन करते हुए, कार्यक्रम के समन्वयकों डॉ. नृपेन्द्र वीर सिंह और डॉ. किशोर कुमार को बधाई दी।
परिचर्चा में स्कूल ऑफ एजुकेशन के प्राध्यापकगण क्रमशः डॉ. किशोर कुमार, डॉ. रिंकी, डॉ. मितांजलि साहु, डॉ. चन्द्र प्रभा पाण्डेय, डॉ. तरुण कुमार त्यागी, डॉ. प्रज्ञा गुप्ता, डॉ. मो. मुज़म्मिल हसन, डॉ. रविन्द्र कुमार, डॉ.स्वाति गुप्ता, तथा डॉ. समरेश भारती ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में प्रो. रेखा अग्रवाल, डॉ. दिग्विजय सिंह, डॉ. देव नारायण सिंह ने भी वर्चुअल प्लेटफार्म पर सहभागिता की।