बुद्ध पूर्णिमा के उपलक्ष्य में दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) परिसर में विशेष रूप से ‘बोधि वृक्ष’ वृक्षारोपण समारोह का आयोजन किया गया | जन सम्पर्क पदाधिकारी (पीआरओ) मो. मुदस्सीर आलम ने बताया कि कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित वृक्षारोपण समारोह में कुलसचिव कर्नल राजीव कुमार सिंह, डीएसडब्ल्यू प्रो. पवन कुमार मिश्रा के साथ सीयूएसबी के प्राध्यापक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी शामिल हुए | इस कार्यक्रम को सीयूएसबी के बागवानी और भूनिर्माण समिति के समन्वयक डॉ. गौतम कुमार (सहायक प्राध्यापक) की देखरेख में आयोजित किया गया |
महात्मा बुद्ध के 2585वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित वृक्षारोपण समारोह का औपचारिक उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रो. के. एन. सिंह ने कहा कि वृक्षों की लगातार घटती संख्या से जलवायु परिवर्तन के साथ – साथ जीवों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है | उन्होंने वृक्षों से जुड़े इन अहम मुद्दों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए वृक्षारोपण की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रो. सिंह ने सामाजिक संरचना में पौधों के महत्व को रेखांकित करते हुए सौंदर्यीकरण में इसकी भूमिका पर भी प्रकाश डाला | उन्होंने कहा कि वृक्षों का हरे-भरे क्षेत्र को जोड़ने के साथ-साथ वायु, जल और मिट्टी के प्रदूषण का मुकाबला करने में भी अहम योगदान है | माननीय कुलपति ने जानवरों और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के लिए आवास प्रदान करने वाले पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में पेड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी इंगित किया।
बागवानी समिति के समन्वयक डॉ. गौतम कुमार ने कहा कि बुद्ध काल वृक्षारोपण और जंगल के संरक्षण के लिए जाना जाता है इसलिए, ‘ज्ञान और मुक्ति की भूमि’ गया में बुद्ध जयंती मनाने के लिए वृक्षारोपण एक सर्वोपरि तरीका है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा की गई पहल इनडोर और आउटडोर ऑक्सीजन सांद्रता, संरक्षण, सौंदर्यीकरण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए फायदेमंद होगी। डॉ. कुमार ने विवि परिसर में पर्यावरणीय स्थिरता और जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए चल रहे प्रयासों का एक हिस्सा बनने के साथ – साथ छात्रों और स्वयंसेवकों से हरे, स्वस्थ और प्रदूषण – मुक्त वातावरण के लिए आस-पास के विभिन्न स्थानों पर इसी तरह का अभियान चलाने की भी अपील की।